देह को बस घसीट रहा हूं, अपने मिटने के और उनसे मिलने के इंतजार में......! देह को बस घसीट रहा हूं, अपने मिटने के और उनसे मिलने के इंतजार में.........
मिला नहीं चरागा़ं कोई गुमनामी के अंधेरो में मिला नहीं चरागा़ं कोई गुमनामी के अंधेरो में
होती है ये धरोहर अनमोल और खूबसूरत जो रिश्तों की नई लिखती है इबारत। होती है ये धरोहर अनमोल और खूबसूरत जो रिश्तों की नई लिखती है इबारत।
मेरे बचपन से गुजरता है मेरे बचपन से गुजरता है
इक तुम ही तो थे सारे सफर का हमसफ़र ! इक तुम ही तो थे सारे सफर का हमसफ़र !
जीवन में संघर्ष न होता, तो ये जीवन कैसा होता।। जीवन में संघर्ष न होता, तो ये जीवन कैसा होता।।